Friday, September 5, 2014

सुबह सुबह सड़क के गड्ढ़ो को पानी से भरा देखा तो लगा दिल्ली के सिर्फ गरज़ने वाले बादल कल रात कुछ बरस भी गए थे। दिन के चढ़ने के साथ साथ मेघो ने सूरज को घेर आसमान पर अपना अधिपत्य कर लिया था । धरती की तपन ने अब इनको भी विचलित कर बरसने पर मजबूर कर ही दिया था । ऑफिस से निकली तो हलकी हलकी बूंदों को तेज़ बौछार में बदलते देखा । आज ये बादल  धोका देने के इरादे से नहीं आए थे । इतने दिनों से आँख मिचौली खेलते मेघो ने आज खुल कर पानी गिराने का निश्चय कर लिया था। इस मूसलाधार वर्षा के कारण सड़क पर होने वाला कीचड़,हर पग पर रुका हुआ ट्रैफिक और बारिश में तर पूरा जनजीवन,ये दिल्ली शहर के लिए एक दुर्लभ सा दृश्य बन गया था इस वर्ष ।

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