Friday, November 11, 2011

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वो आने वाला पल
जो सदियो सा लम्बा है |
व़ो बीती हुई सदिया
जो पल से भी छोटी है |
क्यूँ प्यारी सी वो
बीती हुई कहानी है |
और क्यूँ अलग सा ये
आगामी सफ़र  है |
क्यूँ भाग रहे पीछे
एक मृगतृष्णा के |
और क्यूँ छोड़ रहे
पीछे वास्तुता को |

Tuesday, November 8, 2011

तो क्या बात हो

कुछ सपने की तरह
गुज़र जाए ये ज़िन्दगी तो क्या बात हो |

कुछ आंसुओ की तरह
बह जाए ये मुश्किले तो क्या बात हो |

पलक झपकते ही बदल
जाए ये कहानी तो क्या बात हो |

मंजिलो के मिलने में खो जाए कही
रास्ते  से  बिछड़ने का गम तो क्या बात हो |

दिल चाहे जो मिल जाए  वही
तो क्या बात हो |

थोड़ी सी खट्टी और बहुत सी मीठी
हो हर ज़िन्दंगानी तो क्या बात हो |