जितने रंग है इन्द्रधनुष के
उससे भी ज्यादा रंगों में है इन्सान यहाँ |
फासला बस एक समझ का है
न कोई सही न कोई गलत यहाँ |
विश्वास जो जीत सके
वही अपना है यहाँ |
विचारधारा किसी की
कभी मिलती है कहा |
सोच सबकी इतनी
जुदा सी है |
जीने का अंदाज़ भी
इतना नया सा है |
उचित अनुचित
कुछ भी नहीं है यहाँ |
अगर इक दूजे के लिए
दिल में सही है वजह |