कभी signal के बीच रुकी हुई।
कभी 9 से 6 में बटी हुई।
कभी onsite की तिकड़म में लगी हुई।
कभी rating की चिंता में बुझी हुई।
कभी salary को रोती हुई।
कभी Disc की भीड़ में खोती हुई।
कभी homesick होती हुई।
कभी hotels में स्वाद लेती हुई।
कभी weekend का इंतज़ार करती हुई।
कभी monday को उदास होती हुई।
कभी workload में दबी हुई।
कभी bench पे ऊंघती हुई।
पर फिर भी PROUDLY खुद को ENGINEER कहती हुई ||
कभी 9 से 6 में बटी हुई।
कभी onsite की तिकड़म में लगी हुई।
कभी rating की चिंता में बुझी हुई।
कभी salary को रोती हुई।
कभी Disc की भीड़ में खोती हुई।
कभी homesick होती हुई।
कभी hotels में स्वाद लेती हुई।
कभी weekend का इंतज़ार करती हुई।
कभी monday को उदास होती हुई।
कभी workload में दबी हुई।
कभी bench पे ऊंघती हुई।
पर फिर भी PROUDLY खुद को ENGINEER कहती हुई ||