Saturday, March 15, 2014

होली

होलिका दहन कि रीत कहे
सच्चाई की ही जीत रहे ।

रंगो से यह त्यौहार सजा
हर जगह अबीर गुलाल उड़ा ।

चाहे गोरा है या काला है
हर कोई आज रंगीला है ।

हवा भी लगे मतवाली है
शायद इसने भी भंग चढ़ा ली है ।

होली में न कोई दीवार रहे
आओ मिलकर सब झूमे  ।

आज तो हुड़दंग मचानी है
बुरा न मानो होली है ।




















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