Saturday, April 21, 2012


कुछ पाने की अगर हो चाहत 
मिल जाने का अगर हो भरोसा
किस्मत तो फिर मिलाने को जुट ही जाती है
अगर सच्चे दिल से हो तुमने कुछ माँगा

कोशिशे भी साकार होती है
नसीब भी झुक जाता है
ज़ेह्मते तो उनके लिए जो मंजिल को नहीं समझते
फूलो की राह वो उनके लिए जो मंजिल को ही है देखते

फिर लाख आ जाए मुश्किलें बीच में
मिलना है जो मिल ही जाता है
न रुके धुप के थपेड़ो से
न डरे तूफ़ान के अंधेरो से
खिलना है जिस कली को
वो तो खिल ही जाती है


4 comments:

  1. behtareen!!!...luv it:-)...nd luv the optimism it portrays...

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  2. kya baat h ladki.......gud yaar ......itna positive attitude......very well:).....lagta h tujhe cls leni padegi...:P

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