जितने रंग है इन्द्रधनुष के
उससे भी ज्यादा रंगों में है इन्सान  यहाँ |
फासला बस एक समझ का है 
न कोई सही न कोई गलत यहाँ |
विश्वास जो जीत सके 
वही अपना  है यहाँ |
विचारधारा किसी की 
कभी मिलती है कहा |
सोच सबकी इतनी 
जुदा सी है |
जीने का अंदाज़ भी 
इतना नया सा है |
उचित अनुचित 
कुछ भी नहीं है यहाँ |
अगर इक दूजे के लिए 
दिल में सही है वजह |
my favourite :"उचित अनुचित
ReplyDeleteकुछ भी नहीं है यहाँ |
अगर इक दूजे के लिए
दिल में सही है वजह |"
this rhymes a lot with my post on 'black and white'...keep it up!
thanx :)
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