नदी की लहरों ने किनारे को छूं कर कहा
इस ओर आना इतना सुहावना भी नहीं है
और उस ओर रहना इतना मुश्किल भी नहीं था
फिर भी बहना है मुझे कुछ इस तरह की
छूने है मुझे सभी किनारे
नदी की लहरों ने किनारे को छूं कर कहा
हमेशा किनारे पर पहुचने पर वो मज़ा नहीं है
कभी कभी बीच में ही खो जाना भी सजा नहीं है
उस छोर से इस छोर के सफर में
सिमटी है मुझमे कितनी ही कहानियाँ
नदी की लहरों ने किनारे को छूं कर कहा
मेरे इस उफान में
एक अनचाहा बहाव है
वरना यूँ विचलित रहना
मेरा स्वभाव नहीं हैं
इस ओर आना इतना सुहावना भी नहीं है
और उस ओर रहना इतना मुश्किल भी नहीं था
फिर भी बहना है मुझे कुछ इस तरह की
छूने है मुझे सभी किनारे
नदी की लहरों ने किनारे को छूं कर कहा
हमेशा किनारे पर पहुचने पर वो मज़ा नहीं है
कभी कभी बीच में ही खो जाना भी सजा नहीं है
उस छोर से इस छोर के सफर में
सिमटी है मुझमे कितनी ही कहानियाँ
नदी की लहरों ने किनारे को छूं कर कहा
मेरे इस उफान में
एक अनचाहा बहाव है
वरना यूँ विचलित रहना
मेरा स्वभाव नहीं हैं
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