वक़्त वो भी गुज़र गया
वक़्त ये भी गुज़र जाएगा
बस छोड़ जाएगा निशाँ
कुछ आंसुओं से भरे हुए
तो कुछ मुस्कुराहटो से खिले हुए
कभी उसका हिस्सा हम होंगे
तो कभी हमारा किस्सा वो होगा
कभी हम कहेंगे एक कहानी
तो कभी वक़्त सुनएगा दस्ता हमारी
वक़्त वो भी गुज़र गया
वक़्त ये भी गुज़र जाएगा
Keep writing chhavi...
ReplyDeleteyour poems are always mesmerizing
thank u sir :)
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