मन में है आरजू
इन आँखों के दर्द को कोई तो पड़ ले.
दिल में उठे तुफानो को कोई तो रोक ले
आँखों की चमक की
आवाज़ की खनक की
कोई तो फरियाद करे
उस भीगे हुए आँचल का मोल कोई तो समझे
उस मुस्कान के पीछे की तड़प को कोई तो देखे
उन मुरझाए हुई उमंगो को कोई तो अपनाए
उन खोए हुए तरंगो को कोई तो लौटाए
उस मायूसी की कीमत कोई तो चुकाए
इन सवालो के जवाब कोई तो दे जाए
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