मंजिल की अगर है पहचान तो
रास्ते भी मिल ही जाएंगे
हिम्मत बस पहले कदम की चाहिए
नए अनुभवों में लिपट फिर
नए सीख से महक फिर
नए सीख से महक फिर
उस लक्ष्य तक की डगर सामने आएगी
डर का दलदल भी आएगा
इच्छाशक्ति जिसे पार करेगी
डगमगाएगा कभी आत्मविशवास तो
मंजिल की उम्मीद उसे संभालेगी
सभी मुश्किलो से गुजर जो उभरेगा फिर
वही एक मुकाम नया पाएगा
सभी चुनौतियों से लड़ जो संवरेगा फिर
वही एक उत्कृष्ट जीवन पाएगा ॥
No comments:
Post a Comment