Tuesday, December 2, 2014

मंजिल की अगर है पहचान तो
रास्ते भी मिल ही जाएंगे  
हिम्मत बस पहले कदम की चाहिए 
नए अनुभवों में लिपट फिर
नए सीख से महक फिर 
उस लक्ष्य तक की डगर सामने आएगी 
डर का दलदल भी आएगा 
इच्छाशक्ति जिसे पार करेगी 
डगमगाएगा कभी आत्मविशवास तो 
मंजिल की उम्मीद उसे संभालेगी 
सभी मुश्किलो से गुजर जो उभरेगा फिर 
वही एक मुकाम नया पाएगा 
सभी चुनौतियों से लड़ जो संवरेगा फिर 
वही एक उत्कृष्ट जीवन पाएगा ॥ 








No comments:

Post a Comment