पत्थर की इमारते और पत्थर हुआ इंसान।
कृत्रिम चेहरे पर बोझिल सी मुस्कान।
सर झुका मोबाइल पर हुआ दुनिया का अपमान ।
डिजिटल संसार में खो गई अपनी ही पहचान।
लाइक्स और कमेंट में तोला जाने लगा सम्मान।
इंटरनेट से मिल रहा अब सारा ज्ञान।
धर्म पर लड़ कर बन रही झूठी शान।
समझ है पूरे जगत की पर स्वतः सेअनजान ।
हर किसी पर कस रही सोशल मीडिया की लगाम
पर इस बात का कोई भी न जाने अंजाम।
कृत्रिम चेहरे पर बोझिल सी मुस्कान।
सर झुका मोबाइल पर हुआ दुनिया का अपमान ।
डिजिटल संसार में खो गई अपनी ही पहचान।
लाइक्स और कमेंट में तोला जाने लगा सम्मान।
इंटरनेट से मिल रहा अब सारा ज्ञान।
धर्म पर लड़ कर बन रही झूठी शान।
समझ है पूरे जगत की पर स्वतः सेअनजान ।
हर किसी पर कस रही सोशल मीडिया की लगाम
पर इस बात का कोई भी न जाने अंजाम।
No comments:
Post a Comment