सियासत का खेल कुछ ऐसा पलटा
आम आदमी का भी सितारा चमका
अब आम भी हो गया है कुछ ख़ास
पर ख़ास को कुछ आया नहीं ये रास
झाड़ू कि भी अब कुछ बात है
जमीन से ज्यादा अब हवा में तैनात है
राजनीति के दंगल में
गूँज रहा एक ही विजय नाद है
आज आम आदमी के हाथ में भी आ रही कमान है
आम को भी मिल रही अब पहचान है !!!
आम आदमी का भी सितारा चमका
अब आम भी हो गया है कुछ ख़ास
पर ख़ास को कुछ आया नहीं ये रास
झाड़ू कि भी अब कुछ बात है
जमीन से ज्यादा अब हवा में तैनात है
राजनीति के दंगल में
गूँज रहा एक ही विजय नाद है
आज आम आदमी के हाथ में भी आ रही कमान है
आम को भी मिल रही अब पहचान है !!!
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