जीवन सागर में वो बूँद बराबर
पल ही तो अनमोल है .
उन मधुर स्मृतियो में जो सम्मोहन है
वो ही तो बांधे अब तक एक डोर है .
वो समय जो बीत चला
उसमे ही तो सपनो का कोष है .
वो मनोभाव जिन्हें कभी शब्दों
में पिरोने की आवश्यकता न थी.
वो सुन्हेरे एहसास
जिनकी कोई अभिव्याक्ति न थी
और वो समय से आगे बड़ने की
जब कोई महत्वकान्षा न थी .
उन्ही अमूल्य क्षड़ो में है जैवज्योति सारी.
और उन्ही पलो में बिखरी है मुस्कान सारी.
beautiful! nice work :)
ReplyDeletethanx :)
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