कुछ रिश्तो का है ,कुछ उमंगो का है
एक माँ का है और एक पिता का है
इस वर्ष से बदल गए हर मौसम के एहसास
कुछ अधिक रोशन हुए सभी त्यौहार
इस दिन एक नवजीवन का हुआ आगमन
और आई खुशिओ की बौछार
गतवर्ष ने मातृत्व और पितृत्व के भावो से मिलवाया
और इन् भावो को जीवन का गहरा सम्बन्धी बनाया
इतने निर्मल मनोभावों को जो समक्ष पाया
एक ही पल ने मन को कितना निर्बल और सबल बनाया
अन्वय के बालपन ने एक नया उत्साह जगाया
अन्वय के बालपन ने एक नया उत्साह जगाया
और नए दृष्टिकोण से परिचय करवाया
इस नन्ही मुस्कान ने कितना सामर्थ्य पाया
मंत्र मुग्ध करने की कला से सभी को अपना बनाया
प्रथम जन्मदिवस ने जन्म की स्मृतियों की एक रील चलाई
और समय के पंख लगाकर उड़ जाने की फिर बात उठाई
और समय के पंख लगाकर उड़ जाने की फिर बात उठाई