Wednesday, December 2, 2020

इस वर्ष का नया अंदाज़ हुआ 

थोड़ी कोरोना की मार और अपरिमित नव जीवन का उल्लास हुआ 

रिश्तो के समीकरण में बदलाव हुआ 

पत्नी और पति को अब माता पिता के कर्तव्यों का आभास हुआ 


नूतन जिम्मेदारियो के समक्ष 

सम्बन्ध अधिक गहरा हुआ 

जड़ से मजबूत वृक्ष में 

फल भी अत्यंत  मीठा हुआ 


खुशियों की किलकारियों से रंगीन 

छठी वर्षगांठ का यह उत्सव हुआ 










अन्वय

तू कुछ कुछ है हम दोनों सा बन रहा हमारा हृदय 

तू है प्रतिरूप दो परिवारों का यह तेरा परिचय 

तू रहे भावपूर्ण चाहे बीते जितना समय 

तू हो ऐसे व्यव्हार से बना सदा हो जिसमे विनय 


तू है हमारा अन्वय